My Dream education system
शिक्षण व्यवस्था को लेकर मैने एक खाका तैयार किया है। इस शिक्षण व्यवस्था मेरा निजी सुझाव है। यह कितनी उपयोगी होगी यह तो इसकों सुक्ष्म स्तर पर प्रयोग करने के पश्चात ही ज्ञात हो सकता है।
(१)शिक्षण व्यवस्था सपूर्णं रूप से सरकारी होनी चाहिए।कोईं भी निजी शिक्षण संस्थान प्रतिबंधित होने चाहिए।
(२)प्रत्येक शहर के प्रत्येक गाँव मे राज्य को एक विद्यालय स्थापित करना चाहिए व छात्रों के लिए पूर्ण से निशुल्क होना चाहिए।
(४)यह विद्यालय मे सभी सभी मनुष्यों को किसी मूल/जाती के बिना भेदभाव के प्रवेश मिलना चाहिए। इन विद्यालयों मे प्रत्येक लिंग के व्यक्ति एक साथ शिक्षा ग्रहण करने चाहिए। किसी भी कक्षा मे ४०% अधिक एक ही लिंग के व्यक्ति नही हो सकते है।
(५) प्रत्येक वर्ष शिक्षकों का छात्रों द्वारा मूल्यांकन करना व प्रतिवर्ष अनिवार्य रूप से स्थानांतरण होना चाहिए।
(६) विश्वविद्यालयों मे प्रत्येक खेल कि समिति होनी चाहिए। कोईं भी छात्र किसी भी दिन कोईं सा भी खेल खेलनें के स्वंतत्र होना चाहिए।
(७) प्रत्येक विश्वविद्यालय मे नाटक, संगीत, नृत्य (performing arts) कि स्वंतत्र-स्वंतत्र समिति होनी चाहिए व प्रत्येक छात्र प्रत्येक दिन किसी भी कला का प्रशिक्षण लेने के स्वंकतत्र होना चाहिए।
(८) सालांत मे बस एक परीक्षा होनी चाहिए तथा उसमे भी कोईं न्युतम अंक की अनिवार्यता ना हो।
(१०) निरंतर व्यापक मूल्यांकन- प्रत्येक छात्र प्रत्येक छात्र का स्वंय सहित मुल्यांकन करना चाहिए। इस तरह छात्र के १०० अंक यहा से भी मिलने चाहिए। प्रत्येक छात्र को प्रत्येक शिक्षक का भी मुल्यांकन करना होगा। यह मूल्यांकन शिक्षक के बहुत अधिक महत्वपूर्ण होगा। यह मूल्यांकन शिक्षक के वेतन मे वृद्धि या कटौती करेगा। इस मूल्यांकन के आधार पर शिक्षक को सेवा से बहाल भी किया जा सकता है। छात्रों को दस बिंदुओं पर दस अंक व्याख्यासहित एक प्रमाणपत्र पर एक च्यनित दिन देने होगें।
निर्माण स्थल(५ वर्ष)
१)औपचारिक शिक्षा मे यह सर्वप्रथम प्रवेश द्वार होना चाहिए। इसमे प्रवेश लेने की आयु न्यूनतम ६ वर्ष होनी चाहिए। यह न्यूनतम होना चाहिए। बालक ६ वर्ष कि अधिक आयु हो सकता है किंतु किसी भी परस्थिति मे कम नही।
२) इन पाँच वर्षों मे छात्र को पाँच विषय पढाए जाने चाहिए।
(१) मात्रभाषा (mother language)
(२) International English
(३) गणित (Mathematics)
(४) विज्ञान (Science)
(५) नैतिक व नीति शास्त्र (Moral & ethics)
(६) खेल/कला
प्रथम स्थल(३ वर्ष)
१) इस स्थल मे विभिन्न विषय छात्रों को पढाया जाना चाहिए।
(१) मात्रभाषा
(२) कोईं भी छात्र द्वारा चयनित भाषा (तीनों वर्षा तक)
(३) International English
(४) गणित
(५) विज्ञान
(६) नैतिक व नीति शास्त्र
(७) सामाजिक अध्ययन
(८) computers
(९) खेल/कला
(१०) कौशल अध्ययन (छात्रों को कोईं भी स्वंय-च्यनित कौशल/ओं मे प्रशिक्षण लेना होगा।)
२)छात्र जो कोईं भी भाषा का च्यन करेगें उन्हें वह भाषा तीन वर्षों तक पढनी पडेगी। मध्य मे वह उस भाषा का त्याग नही कर पर आएगे।
द्वितीय स्थल (३ वर्षं)
१) इस स्थल पर छात्रों को निम्नलिखित विषयों का अध्ययन करना चाहिए।
(१) मात्रभाषा
(२) कोईं भी छात्रों द्वारा च्यनित भाषा (तीनों वर्षों तक)
(३) International English
(४) गणित
(५) विज्ञान
(६) सामाजिक अध्ययन
(७) वाणिज्य व वित्तीय साक्षरता
(८) computers
(९) खेल/कला
(१०) कौशल अध्ययन
२) इस स्थल के पश्चात औपचारिक शिक्षा अनिवार्य नही रहेगी।
तृतीय स्थल (२ वर्ष)
१) इस स्थल पर छात्र को प्रत्येक विषय चुनने कि स्वंतत्रता होगी। अधिकत विषयों कि संख्या ९ होगी जिसमे से ३ भाषाएँ होगी। एक मात्र भाषा, एक International English, एक कोई भी भाषा।
२) इस स्थल पर लगभग सभी विषय छात्रों के लिए उपलब्ध होगें। उदः भौतिक विज्ञान, रसायनिक विज्ञान, जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, गणित विज्ञान, वाणिज्य, वाणिज्य गणित, व्यापार अध्ययन, अर्थशास्त्र, राजनैतिक विज्ञान, भौगोलिक विज्ञान, computers,
३) इन सभी विषयों मे से छात्र कोईं भी ६ विषयों का चयन कर सके।
४) खेल/कला व कौशल विषय भी अतिरिक्त होगें।
प्रथम स्थल व द्वितीय स्थल छात्रों किसी एक स्थान से नही होनी चाहिए अपितु प्रत्येक छात्र को अनिवार्य रूप से स्वतंत्र एकाकी रूप से भारत भ्रमण पर निकलना चाहिए। औपचारिक शिक्षा एवम् परीक्षा छात्र को मुहैया कराए गए स्मार्टफोन व लैपटॉप द्वारा आँनलाइन ली जानी चाहिए। प्रत्येक छात्र को इन छः वर्षों मे न्यूनतम ७२ शहरों कि यात्रा करनी होगी व प्रत्येक शहर का वृत्तांत लिखना होगा। इन यात्राओं के दौरान छात्रों न्युतम ७२ पुस्तक (अपने पंसद कि, कोईं सी भी ) पढकर उनका सारांश भी लिखना होगा। साथ ही जो आँनलाइन लेक्चर छात्रों को शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन दिया जाएगा उनकी एसाइनमेंट भी लिखना होगा। इसके अतिरिक्त छात्रों को इन छः वर्षों मे न्यूतम ७२ व्यक्तियों अलग-अलग व्यवसाय मे का साक्षात्कार भी लेना होगा। इन सभी कार्यों को छात्र/आ को डाक द्वारा निर्धारित पतें पर भेजना होगा। छात्र/आ अपने घर से अधिकतम् ₹१२०००/- लेकर चल चकता है।यह पैसे छात्र के बैंक अकाउंट मे होने चाहिए तथा उसके पास एक डेबीट कार्ड/ UPI । इसके अतिरिक्त उसकों छः वर्षों मे अपने खर्चों के अंशकालिक विभिन्न-विभिन्न विषम अस्थिर कार्य करने होंगे। अपने गृहनगर को छोडकर छात्र/आ अपनी पंसद के किसी भी शहर कि यात्रा करने के लिए स्वंतत्र होगा। वह छः वर्षों तक अपने गृहनगर ना लौटने के लिए बाध्य होगा।
जब छात्र/आ इस यात्रा को संपूर्ण कर ले तब उसे "शिक्षित" कि संज्ञा दि जानी चाहिए। यात्रा के पश्चात छात्र स्वेच्छिक रूप से अपनी आगे शिक्षा लेने के लिए स्वंतत्र हो अन्यथा वह औपचारिक शिक्षा छोडकर किसी अन्य व्यवसाय से भी जुड सकता/ई है।
यह शिक्षण व्यवस्था मेरा निजी सुक्षाव है। आप भी टिप्पणी मे इसके कुछ जोडना चाहते है या कोईं अन्य सुक्षाव देना चाहते है तो कृपया संकोंच ना कीजिए। अभी दीजिए!
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